अनिल रविपुडी, तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने डायरेक्टर और राइटर, आज एक ऐसा नाम है जिसे हर कोई जानता है। उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है। लेकिन उनकी सफलता के पीछे कई अनसुनी कहानियां और कठिन परिश्रम छिपा हुआ है।
अनिल रविपुडी का आरंभिक जीवन
अनिल रविपुडी का जन्म तेलंगाना राज्य के प्रगति नायक नामक छोटे से गाँव में हुआ। उनका बचपन साधारण परिवार में बीता।
शिक्षा और फिल्मी दुनिया में रुचि: बचपन से ही अनिल को फिल्में देखने का शौक था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन उनके मन में हमेशा सिनेमा का जुनून था।
करियर की शुरुआत
अनिल ने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में की। उन्होंने कई बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम किया और फिल्म मेकिंग के बारीकियों को सीखा। उनके शुरुआती दिन संघर्षपूर्ण थे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
पहली फिल्म: पटास (2015)
अनिल रविपुडी ने बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म "पटास" बनाई। यह फिल्म एक कॉमेडी-ड्रामा थी और इसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि अनिल को तेलुगू इंडस्ट्री में एक नई पहचान दिलाई।
अनिल की फिल्में और उनकी खासियत
अनिल रविपुडी की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत उनकी कॉमेडी टाइमिंग और इमोशनल कनेक्ट है।
1. सरिलेरु नीकेवरु (2020)
इस फिल्म में महेश बाबू ने मुख्य भूमिका निभाई। फिल्म की कहानी देशभक्ति, कॉमेडी और एक्शन का परफेक्ट मिक्स थी।
2. फंडा शान (2019)
फंडा शान की कहानी एक स्पेशल नीड्स के इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ अनिल ने हुमर कॉमेडी को मुख्य भूमिका मे रखा।
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